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सोमवार, 9 मई 2022

महाराणा प्रताप


 महाराणा प्रताप


वीर, शौर्य और पराक्रम की गाथा है

ये महाराणा के जीवन की गाथा है


जो जंगलों में रहना पसंद किए

पर मुगलों के आगे झुकना न स्वीकार किया

जो धर्म, धरा और स्वाधीनता के लिए

अपना सब कुछ हंसकर वार दिया 


पराधीनता जब अस्वीकार किए

तो आई आफत अपनी माटी में

तब मुगलों का इतिहास मिटाकर

लगे लिखने नई इतिहास हल्दीघाटी में


वो रणनीति में माहिर थे

उनके युद्ध कौशल का दुश्मन भी कायल था

विशाल मुगलिया सेना में

हर एक सैनिक राणा के वार से घायल था


राणा जितने अच्छे योद्धा थे

उतने ही अच्छे उनका कर्म रहा

समर्पित मुगलों की शाही बेगम को

ससम्मान वापस पहुंचाना उनका धर्म रहा


टिड्डी दल जैसे मुगलिया सैनिक से

जब जाकर कुछ गद्दार मिला

तब राणा जैसे रणबांकुरे को

ऐसे भीषण युद्ध में हार मिला


चेतक के घायल होने पर

रहने को उनको जंगल मिला 

अरावली की गुफाएं घर और शिला ही शैय्या

भोजन में उनको घास और कंदमूल फल मिला


हर चुनौती को स्वीकार किए

पर धर्म, धरा को न खोया था

ऐसे साहसी योद्धा के मृत्यु को

दुश्मन भी स्मरण कर रोया था,,,


#AVSI ©️®️

रविवार, 1 मई 2022

मजदूर


 मजदूर


थकान से चूर हैं हम।

ऐशो-आराम से कोसों दूर हैं हम।

घरेलू दायित्व से लदे भरपूर हैं हम।

हां, मजदूर हैं हम।।


प्रतिदिन काम पर जाना है

दो वक्त की रोटी जुटाना है

घर की सारी जिम्मेदारियों को

अथक प्रयास कर निभाना है

थकान से चूर हैं हम।

हां, मजदूर हैं हम।।


थके-मांदे देर रात घर आकर जल्दी सो जाएंगे

ताकि अहले सुबह जल्दी उठकर काम पर जाएंगे

जो बचा-खुचा मिला रात का वही सुबह खाना है

तभी जल्दी काम पर जाकर दो पैसे ज्यादा कमाएंगे

ऐशो-आराम से कोसों दूर हैं हम।

हां, मजदूर हैं हम।।


तन ढकने के लिए कमाना है

बच्चों को पढ़ाने-लिखाने के लिए कमाना है

मां-बाप और पत्नी खुश हैं थोड़े से ही

पर घर की अन्य जरूरत पूरी करने के लिए कमाना है

घरेलू दायित्व से लदे भरपूर हैं हम।

हां, मजदूर हैं हम।।


©️®️ #AVSI ✍️


पिता

अपने खातिर नहीं कभी, जो अपनों की खातिर जीता है। वो मेरे आदर्श, वो मेरे पिता हैं।। हमने खाया पर कैसे खाया? ये जो जानता है। वो मेरे आदर्श, वो ...