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रविवार, 16 जून 2024

पिता

अपने खातिर नहीं कभी,

जो अपनों की खातिर जीता है।

वो मेरे आदर्श, वो मेरे पिता हैं।।


हमने खाया पर कैसे खाया?

ये जो जानता है।

वो मेरे आदर्श, वो मेरे पिता हैं।।


सपने देखें; उसको जिएं पर कैसे जिएं?

ये जिनको पता है।

वो मेरे आदर्श, वो मेरे पिता हैं।।


मीठी बात, कड़वी डांट,

जिनकी डांट में छिपी चिंता है।

वो मेरे आदर्श, वो मेरे पिता हैं।।


मेरी हर मुसीबत में साया बनके

खड़े जो देवता हैं।

वो मेरे आदर्श, वो मेरे पिता हैं।।


©️®️ #AVSI ✍️

बुधवार, 5 जून 2024

पर्यावरण

प्रकृति ने जो दिया वो हमको लौटाना है,

वृक्षारोपण करके हरियाली वापस लाना है,

कर लो संकल्प ये पर्यावरण को बचाना है।


नदियां न दूषित हो, वायु न प्रदूषित हो,

जल को फिर से मोती-सा चमकाना है,

कर लो संकल्प ये पर्यावरण को बचाना है।


पौधों से सजी हो गलियां, फूलों से बगिया,

राहों को केवल वृक्षों से सजाना है,

कर लो संकल्प ये पर्यावरण को बचाना है।


चिड़ियां, तितली, फूल और कलियां,

हर मुरझाए चेहरे पर फिर से रौनक लाना है,

कर लो संकल्प ये पर्यावरण को बचाना है।


जीवित प्रकृति ही जीवों का खजाना है,

पेड़-पौधे, वृक्ष बचाकर, सांसों को बचाना है,

कर लो संकल्प ये पर्यावरण को बचाना है।


©️®️ #AVSI ✍️


पिता

अपने खातिर नहीं कभी, जो अपनों की खातिर जीता है। वो मेरे आदर्श, वो मेरे पिता हैं।। हमने खाया पर कैसे खाया? ये जो जानता है। वो मेरे आदर्श, वो ...