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रविवार, 1 मई 2022

मजदूर


 मजदूर


थकान से चूर हैं हम।

ऐशो-आराम से कोसों दूर हैं हम।

घरेलू दायित्व से लदे भरपूर हैं हम।

हां, मजदूर हैं हम।।


प्रतिदिन काम पर जाना है

दो वक्त की रोटी जुटाना है

घर की सारी जिम्मेदारियों को

अथक प्रयास कर निभाना है

थकान से चूर हैं हम।

हां, मजदूर हैं हम।।


थके-मांदे देर रात घर आकर जल्दी सो जाएंगे

ताकि अहले सुबह जल्दी उठकर काम पर जाएंगे

जो बचा-खुचा मिला रात का वही सुबह खाना है

तभी जल्दी काम पर जाकर दो पैसे ज्यादा कमाएंगे

ऐशो-आराम से कोसों दूर हैं हम।

हां, मजदूर हैं हम।।


तन ढकने के लिए कमाना है

बच्चों को पढ़ाने-लिखाने के लिए कमाना है

मां-बाप और पत्नी खुश हैं थोड़े से ही

पर घर की अन्य जरूरत पूरी करने के लिए कमाना है

घरेलू दायित्व से लदे भरपूर हैं हम।

हां, मजदूर हैं हम।।


©️®️ #AVSI ✍️


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