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बुधवार, 17 अप्रैल 2024

राम

कौशल्या जिनकी माता है,

जिनकी भार्या सीता है,,

भरत, लक्ष्मण, शत्रुघ्न जिनके भ्राता है,,,

उन मर्यादा पुरुषोत्तम को मेरा प्रणाम है।

जिनका नाम राम है।।


जिनका आज दिन है,

जिनसे मेरा हर दिन है,,

जिनके नाम का जाप करता जग निशदिन है,,,

उन मर्यादा पुरुषोत्तम को मेरा प्रणाम है।

जिनका नाम राम है।।


हिंदुत्व के जो आधार हैं,

जिनके बिना हिन्दू निराधार हैं,,

जो करते सबका उद्धार हैं,,,

उन मर्यादा पुरुषोत्तम को मेरा प्रणाम है।

जिनका नाम राम है।।


©️®️ #AVSI ✍️

बुधवार, 3 अप्रैल 2024

MLT - A heart touching love story


मैं पहली बार मुंबई गया था। मुझे सांता क्रूज जाना था इसलिए मैंने दादर सेंट्रल में ही उतरने का फैसला किया। Actually TTE ने ही मुझे दादर सेंट्रल में उतरने की सलाह दिया था। 


दादर सेंट्रल में उतरने के बाद हम लोकल ट्रेन कैसे पकड़े? ये जानने के लिए वहीं पास में बैठे पुलिसवाले से पूछे।


उन्होंने मुझसे कहा, "दादर वेस्टर्न से जाकर पकड़ो।"


हम वहां पहुंचे पर कुछ समझ में नहीं आ रहा था तो वहीं एक व्यक्ति से पूछे पर वो इतनी जल्दी में था कि बिना कुछ बताए ही चला गया। अब हम किसी दूसरे व्यक्ति से पूछने के लिए आगे बढ़ ही रहे थे कि अचानक एक लड़की तेजी से मेरे सामने से निकली।


मैंने भी बिना समय गंवाए कहा, "मैम, मैम मुझे सांता क्रूज जाना था, कहां से लोकल ट्रेन मिलेगी?"


वो मुझे गौर से देखी फिर बोली, "Follow me."


मैं उसके पीछे-पीछे जाने लगा पर वो बहुत तेज चल रही थी और तेजी से चलती हुई ट्रेन में चढ़ गई। फिर हाथ से इशारा करती हुई बोली, "Come fast."


मैं भी तेजी से दौड़कर ट्रेन में चढ़ गया।


फिर वो बोली, "जब मैं उतरूंगी तब तुम भी उतरना, अभी आराम से खड़े रहे।"


मैंने कहा, "Okay ma'am पर क्या आप सांता क्रूज जा रही हो?


वो बोली, "Yes."


मैंने कहा, "Okay ma'am."


इसके बाद वो अपने पॉकेट से ear plug निकाली और song सुनने में busy हो गई। मैं उसे एकटक देख रहा था। वो song सुनती हुई music पर थिरक भी रही थी।


Suddenly वो मुझे देखी और इशारे से पूछी, "क्या है?"


अचानक से उसके देखने से मैं वैसे ही घबरा गया था और फिर वो पूछ बैठी तो और घबरा गए। घबराते हुए ही मैंने भी इशारे से कहा, "नहीं, कुछ नहीं।"


वो अंगूठे के इशारे से बोली, "Okay."


फिर वो अपना song enjoy करने लगी।


मैं पूरी रास्ते उसे छुप-छुप कर निहारते ही गया।

सांता क्रूज आने पर वो उतरने का इशारा करके उतर गई। उसके पीछे मैं भी उतरा। 


उतरने के बाद वो मुझसे पूछी, "क्या समझे?"


मैंने मस्ती में जवाब दिया, "वास्तव में मुंबई में local से ज्यादा लड़कियां fast होती है।"


वो मुस्कुराती हुई बोली, "You are interesting buddy. Stay in touch." (कहकर जाने लगी)


मैंने कहा, "Okay ma'am. मैं आपको You-tube पर message करूंगा।"


वो बोली, "Okay by."


फिर कुछ सोच कर रुकी और पूछी, "By the way, You-tube पर message कैसे करोगे?"


मैंने भी मौका लपकते हुए तुरंत कहा, "तो फिर आप अपना contact number दीजिए।"


वो बात समझ कर हंसती हुई बोली, "Okay, Note down my number."


मैंने उसका नंबर नोट किया। 


फिर वो बोली, "Okay by, TC." (कहकर जाने लगी)


मैंने कहा, "Okay by TC, You are awesome Missy."


फिर वो रुकी और मेरे पास आकर बोली, "Hey, तुम्हें मेरा नाम कैसे पता चला? क्या तुम मुझे जानते हो? सच-सच बताओ।


मैंने उसका Whatsapp bio दिखाते हुए कहा, "यहां से पता चला।"


वो मुस्कुराती हुई बोली, "You are very smart. I like you buddy." (कहकर फिर जाने लगी)


मैंने कहा, "थोड़ी देर पहले मुझे बोली "You are interesting buddy" और अब बोल रही है "I like you buddy", निश्चित ही थोड़ी देर में बोलेगी "I love you buddy"


ये सुनकर फिर वो रुकी और मेरे पास आकर थोड़ी गुस्से से बोली, "शर्म आनी चाहिए तुमको।"


मैंने भी तुरंत अपने दोनों हाथों से अपने चेहरे को ढंक कर बोला, "लो आ गई शर्म।"


वो मुस्कुराती हुई बोली, "Really, you are so interesting buddy. मैं night में 10 बजे free होकर अपने bed पर जाती हूं। Call करना, मैं wait करूंगी।" (कहकर वो फिर आगे बढ़ी)


मैंने खुश हो कर धीरे-धीरे अपने heart पर 3 बार हाथ मारकर कहा, "Wow wow wow, Okay ma'am"


वो जाती-जाती ही बोली, "Ma'am नहीं Missy और तुम?


मैंने अपना coller उचकाते हुए कहा, "Aviii"


©️®️ #AVSI ✍️


गुरुवार, 28 मार्च 2024

गर्मी

खत्म हुई मौसम की नरमी।

धीरे धीरे बढ़ रही है गर्मी।।


सूख रहे हैं ताल-तलैया और सरोवर,

सूख रही है नदी-नहर और पोखर,,

खत्म हुई हवाओं की नरमी।

धीरे धीरे बढ़ रही है गर्मी।।


सुबह-शाम को बाहर जाना,

दोपहर को तुम आराम फरमाना,,

बनाएं रखना तन-मन की नरमी।

धीरे धीरे बढ़ रही है गर्मी।।


बंद कर दो, करना धूप में शैतानी,

शुरू कर दो रखना, चिड़ियों का दाना-पानी

पेड़-पौधे लगाकर बनाना वातावरण में नरमी।

धीरे धीरे बढ़ रही है गर्मी।।


©️®️ #AVSI ✍️


सोमवार, 25 मार्च 2024

होली का प्रोग्राम


होली पर उसका क्या प्रोग्राम है ये पता करने के लिए आज सुबह मैं अपने दोस्त गुलाबी के घर गया था। मेरे साथ मेरा एक और मित्र चंदर था। गुलाबी अपने घर के आंगन में ठाठ से खटिया पर लेटा था। वहीं पास में उसकी पत्नी कुछ काम कर रही थी। गुलाबी की पत्नी काफी सीधी और भोली थी। गांव की लड़की होने के कारण उसका रहन-सहन और विचार भी गांव के पुराने जमाने की स्त्रियों जैसी ही थी। 


हमने जाते ही गुलाबी की पत्नी से कहा, "नमस्ते भाभी।"


वो हम लोगों की तरफ देख कर बोली, "अरे, अरे आइए देवर जी, बैठिए। हम जरा बनने के लिए चावल डालकर आते हैं। अधन का पानी डबक रहा है।"


मैंने कहा, "ठीक है भाभी।"


वो चली गई। 


फिर मैं गुलाबी से बात करने लगा। आज तुम सुबह से दिखे नहीं भाई, कहीं अकेले-अकेले कोई प्लान तो नहीं बना लिए हो?


हम दोनों दोस्तों को अचानक देख कर गुलाबी वैसे ही घबराया था और मेरे इस सवाल पर उसने और भी घबराहट के साथ कहा, "अरे नहीं, नहीं भाई, कहां से प्लान बनाएंगे? तुम तो जानते हो हमारे पास खाने के ही पैसे हैं और वैसे भी मेरी पत्नी शराब और शराबी से नफरत करती है। पता है, बहुत मनाने पर वो बोली, "ठीक है, आज होली है तो 2 पैग अपने दोस्तों के यहां जाकर ले लीजिएगा पर उससे ज्यादा बिलकुल नहीं।"


मेरा दोस्त चंदर पूछा, "मतलब तुम, हम लोगों के भरोसे ही बैठे हो?"


गुलाबी दांत चियारते हुए बोला, "तुम लोगों के अलावा मेरा और है ही कौन? जिसके भरोसे हम बैठें।"


चंदर फिर बोला, "फुसलाना कोई इससे सीखे।"


गुलाबी बोला, "नहीं, नहीं भाई, सच बोल रहे हैं।"


इतने में गुलाबी की पत्नी गुस्से में चावल की बाल्टी गुलाबी के सामने पटकती हुई बोली, "ये क्या है? इसमें इतना तेल छिपाकर क्यों रखे हैं? रसोई में जब पहले से ही इतना तेल रखा है तो अलग से चावल की बाल्टी में तेल छिपाकर रखने की क्या जरूरत थी?"


मैं और चंदर दोनों चौंक कर गुलाबी को देखने लगे। गुलाबी के चेहरे की रंग फीकी पड़ गई थी। वो कुछ बोलना चाह रहा था पर उसकी आवाज नहीं निकल रही थी। वो हड़बड़ाकर बाल्टी उठाना चाहा पर इससे पहले ही चंदर ने बाल्टी में हाथ डाल कर चेक किया तो देखा उसमें 4-5 शराब की बोतल छिपा कर रखा हुआ है।


हम दोनों गुलाबी की शातिर दिमाग को देखकर अचंभित थे। हमें तो ऐसा लग रहा था कि इसका नाम गुलाबी नहीं, शराबी होना चाहिए था। खैर, गुलाबी आगे कुछ बोलता कि इससे पहले ही हम उसकी पत्नी से बोल पड़े, "भाभी आज होली है और मेरे घर में तेल खत्म हो गया है तो क्या ये सभी तेल का बोतल हम ले जाएं?"


गुलाबी कुछ बोलता कि इससे पहले ही उसकी पत्नी बोल पड़ी, "हां, हां, ये सब तेल आप ले जाइए।"


चंदर को सारी बोतल उठाने बोलकर हम आने लगे तो गुलाबी की पत्नी बोली, "चाय तो पी लेते फिर जाते?"


मैंने कहा, "आज का दिन चाय पीने का दिन नहीं है भाभी।"


गुलाबी की पत्नी बोली, "हां, हां पता है, आज का दिन आप लोगों के लिए क्या पीने का दिन हैं? वो जो बचपन में होली पर निबंध लिखते थे कि होली के दिन कुछ आसामजिक तत्व दारू पीकर उत्पात मचाते हैं वही आसामाजिक तत्व आप लोग हैं।" 


हमारे चेहरे पर हल्की हंसी फूट गई। उन्होंने आगे कहना जारी रखा कि याद रखिएगा, "मेरे पति को केवल 2 पैग ही दीजिएगा, उससे ज्यादा नहीं, कहकर वो चली गई।"


मैंने मुस्कुराते हुए गुलाबी की तरफ देखकर कहा, "जैसा आप कहें भाभी।"


गुलाबी रूआंसा होकर बोला, "भाई, मैंने तुमको बताया तो मेरी पत्नी शराब और शराबी से नफरत करती है इसलिए मैंने उससे छिपाकर रखा था। प्लीज भाई, ये सभी बोतल मुझे दे दो।"


मैंने गुलाबी के गाल पर हल्के हाथ से थप्पड़ मार कर कहा, "भाभी को बताऊं क्या कि ये तेल है या दारू?"


गुलाबी बोला, "अरे नहीं नहीं भाई, बहुत झगड़ा करेगी।"


मैंने हंसते हुए कहा, "तो फिर तुमको 2 पैग पीने की छूट मिली है तो अड्डे पर घर आकर 2 पैग पी लेना। आज मैं खुश हूं इसलिए आज की पार्टी मेरे तरफ से है। 


©️®️ #AVSI ✍️


फागुन का रंग


तुमको अपने संग लिखें या फिर अपना अंग लिखें,

दो मंजूरी गर तुम प्रियतम तो तुमको फागुन का रंग लिखें।


तुमको फागुन का गीत लिखें या अपना मनमीत लिखें

या फिर तुम पर हारकर सबकुछ तुमको ही अपनी जीत लिखें

कहो अगर तुम हमको तो तुमको अपनी सारी उमंग लिखें,

दो मंजूरी गर तुम प्रियतम तो तुमको फागुन का रंग लिखें।


तुमको धूप फागुन की पाटल लिखें या सुर्ख लाल लिखें

या फिर तुमको होली में उड़ते रंग, अबीर, गुलाल लिखें

कहो अगर तुम हमको तो तुमको अपने जीने की नई ढंग लिखें,

दो मंजूरी गर तुम प्रियतम तो तुमको फागुन का रंग लिखें।।


©️®️ #AVSI✍️

होली


आज तो हम केवल रंगों की बोली बोलेंगे,

मिलकर अपने संगी-साथी संग जमके होली खेलेंगे।


रंग लगाएंगे, गुलाल उड़ाएंगे, मस्ती में डोला-डोली करेंगे,

मिलकर अपने संगी-साथी संग जमके होली खेलेंगे।


गली-मुहल्ले घूम-घूम कर, यारों संग हंसी-ठिठोली करेंगे,

मिलकर अपने संगी-साथी संग जमके होली खेलेंगे।


क्या पानी और क्या कीचड़? जो तोला-तोली करेंगे,

मिलकर अपने संगी-साथी संग जमके होली खेलेंगे।


संध्या पूर्व बड़े-बुजुर्गों के आशीष से समापन होली करेंगे,

मिलकर अपने संगी-साथी संग जमके होली खेलेंगे।।


©️®️ #AVSI ✍️

रविवार, 24 मार्च 2024

होलिका दहन


न हमने रावण का सहन किया था

न होलिका का सहन करेंगे,

आओ हम सब मिलकर

आज होलिका दहन करेंगे।


होलिका दहन हेतु जो चंदा लेने आए

उन बच्चों का उत्साह संवर्धन करेंगे,

आओ हम सब मिलकर

आज होलिका दहन करेंगे।


इन बच्चों की भीड़ में मिलकर

हम भी अपने बचपन का स्मरण करेंगे,

आओ हम सब मिलकर

आज होलिका दहन करेंगे।


ईश्वर भक्त बनकर हम भी

अधर्म का मरण करेंगे,

आओ हम सब मिलकर

आज होलिका दहन करेंगे।।


©️®️ #AVSI ✍️



पिता

अपने खातिर नहीं कभी, जो अपनों की खातिर जीता है। वो मेरे आदर्श, वो मेरे पिता हैं।। हमने खाया पर कैसे खाया? ये जो जानता है। वो मेरे आदर्श, वो ...